Intezaar
काले गाणेरए अंधेरे जो हैं
रास्ता जो देते सवेरे को हैं
ज़रा सा और करना सबर
आने जो वाली सहेर
सपने यह तेरे या मेरे जो हैं
पलकों पे डाले ये डीरेन जो हैं
लॉरी सुना देते कबार
आने वाली सहेर
इंतेज़ार और तमन्ना
हर कदम वो साथ चले
सांझ से उभरती सुबह
में जा के वो घहूल मिल गये
इंतेज़ार तू मेरा करना
इतने दीनो से कहानी जो हैं
होठों पे बैटी सुननी जो हैं
है ये बड़ी ही बेसबर
महफ़िल जो आई नज़र
इंतेज़ार और तमन्ना
हर कदम वो साथ चले
सांझ से उभरती सुबह
में जा के वो घहूल मिल गये
पएयदो पे टांगे यह जूले जो हैं
अब ना समाते यह भूले जो हैं
मौसम का हैं ही यह असर
लौटा कोही जो हैं घर
इंतेज़ार और तमन्ना
हर कदम साथ चले
सांझ से उभरती सुबह
में जा के वो घहूल मिल गये
समंदर को क्या बताना
गहरा कितना जाना
मोहब्बत का ये तराना
संजा बस अंजना