Kali Kali Zulfon Ke [Extended]

FARRUKH FATEH ALI KHAN

सम्भालो जरा अपना आंचल गुलाबी
सम्भालो जरा अपना आंचल गुलाबी
दिखाओ न हस हस के ये आँखें शराबी
सुनो लेकिन दुनिया में अच्छा नहीं हे
हसीनो पे हमपे भरोसा नहीं हे
उठती हे नजरे तो गिरती हे बिजली
अदा जो भी निकली कयामत ही निकली
जहाँ तुमने चेहरे से आंचल हटाया
वहीं यह रे दिल का तमाशा बनाया
खुदा के लिए हमपे डोरे न डालो
हमे जिन्दा रहने दो ऐ हुस्न वालों
काली-काली ज़ुल्फ़ों के फंदे ना डालो
काली-काली ज़ुल्फ़ों के फंदे ना डालो
हमें ज़िंदा रहने दो, ऐ हुस्न वालों

Wissenswertes über das Lied Kali Kali Zulfon Ke [Extended] von Madhur Sharma

Wer hat das Lied “Kali Kali Zulfon Ke [Extended]” von Madhur Sharma komponiert?
Das Lied “Kali Kali Zulfon Ke [Extended]” von Madhur Sharma wurde von FARRUKH FATEH ALI KHAN komponiert.

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