Saazish

Bhuvan Bam

टूटा एक तारा गुम गया हैं बादलों के पीछे
जाने की हो जैसे उसे जल्दी
तुम भी कुछ मांग लो जो हैं मन में तुम्हारे
जाना हो ना जाए कहीं तुम्हें देरी
टूटा एक तारा गुम गया हैं बादलों के पीछे
जाने की हो जैसे उसे जल्दी
तुम भी कुछ मांग लो जो हैं मन में तुम्हारे
जाना हो ना जाए कहीं तुम्हें देरी
शायद ऐसा मौका
मिले ना मिले फिर
रह जाये अधूरी ख्वाइश

ओह क्या पता
हो ये भी सितारों की
हमको मिलाने की कोई साज़िश

तू साथ अगर हैं तो कागज़ की कश्ती तैर जायेगी
तू नहीं तो ये कहानी ताश के पत्तों सी बिखर जायेगी

बज़्म में बीती जो रातें अगले ही पल में बदल जायेंगी
रात के अँधेरे सन्नाटों में चुपके से कानों में लोरी की तरह
तेरी हर कहानी पे
नयी या पुरानी पे भरु हा में हा

मद्धम मद्धम उतरता चंदा
और दे गया शहर

शायद ऐसा मौका मिले ना मिले फिर
रह जाये अधूरी ख्वाइश
ओह क्या पता हो ये भी सितारों की
हमको मिलाने की कोई साज़िश

देखो ये कैसी रुत हैं हम दोनों ही चुप हैं
किसे था पता ले आएंगे यहाँ ये रस्ते सभी
फिर कभी तुमसे लेंगे वादा कर दोगी ना
किसे था पता ले आएंगे यहाँ ये रस्ते सभी
देखो ये कैसी रुत हैं हम दोनों ही चुप हैं
किसे था पता ले आएंगे यहाँ ये रस्ते सभी
फिर कभी तुमसे लेंगे वादा कर दोगी ना
किसे था पता ले आएंगे यहाँ ये रस्ते सभी

Wissenswertes über das Lied Saazish von Rekha Bhardwaj

Wer hat das Lied “Saazish” von Rekha Bhardwaj komponiert?
Das Lied “Saazish” von Rekha Bhardwaj wurde von Bhuvan Bam komponiert.

Beliebteste Lieder von Rekha Bhardwaj

Andere Künstler von Film score