DEKHNA QISMAT KI AAP APNE

Mehdi Hassan

आ,आ,आ,आ,आ,आ

देखना क़िस्मत कि आप अपने पे रश्क आ जाए है
देखना क़िस्मत कि आप अपने पे रश्क आ जाए है
मैं उसे देखूँ भला कब मुझ से देखा जाए है
देखना क़िस्मत कि आप अपने पे रश्क आ जाए है

ग़ैर को या रब वो क्यूँकर मन-ए-गुस्ताख़ी करे
ग़ैर को या रब वो क्यूँकर मन-ए-गुस्ताख़ी करे
गर हया भी उस को आये है तो शरमा जाए है
देखना क़िस्मत कि आप अपने पे रश्क आ जाए है

हो के आशिक़ वो परी-रुख़ और नाज़ुक बन गया
हो के आशिक़ वो परी-रुख़ और नाज़ुक बन गया
रंग खिलता जाए है जितना कि उड़ता जाए है
देखना क़िस्मत कि आप अपने पे रश्क आ जाए है

नक़्श को उस के मुसव्विर पर भी क्या क्या नाज़ हैं
नक़्श को उस के मुसव्विर पर भी क्या क्या नाज़ हैं
खींचता है जिस क़दर उतना ही खिंचता जाए है
देखना क़िस्मत कि आप अपने पे रश्क आ जाए है
मैं उसे देखूँ भला कब मुझ से देखा जाए है
देखना क़िस्मत कि आप अपने पे रश्क आ जाए है

Wissenswertes über das Lied DEKHNA QISMAT KI AAP APNE von मेहदी हस्सान

Wer hat das Lied “DEKHNA QISMAT KI AAP APNE” von मेहदी हस्सान komponiert?
Das Lied “DEKHNA QISMAT KI AAP APNE” von मेहदी हस्सान wurde von Mehdi Hassan komponiert.

Beliebteste Lieder von मेहदी हस्सान

Andere Künstler von Film score