Kya Toota Hai Ander

AHMED NIAZ, FARHAT SHEHZAD

क्या टूटा है अन्दर अन्दर क्यूँ चेहरा कुम्हलाया है

क्या टूटा है अन्दर अन्दर क्यूँ चेहरा कुम्हलाया है
क्या टूटा है अन्दर अन्दर क्यूँ चेहरा कुम्हलाया है
तन्हा तन्हा रोने वालो कौन तुम्हें याद आया है
क्या टूटा है अन्दर अन्दर क्यूँ चेहरा कुम्हलाया है

चुपके चुपके सुलग़ रहे थे
चुपके चुपके सुलग़ रहे थे याद में उनकी दीवाने
चुपके चुपके सुलग़ रहे थे याद में उनकी दीवाने
इक तारे ने टूट के यारो
इक तारे ने टूट के यारो क्या उनको समझाया है
क्या टूटा है अन्दर अन्दर क्यूँ चेहरा कुम्हलाया है

रंग बिरंगी इस महफ़िल में
रंग बिरंगी इस महफ़िल में तुम क्यूँ इतने चुप चुप हो
भूल भी जाओ पागल लोगो
भूल भी जाओ पागल लोगो क्या खोया क्या पाया है
क्या टूटा है अन्दर अन्दर क्यूँ चेहरा कुम्हलाया है

अब 'शहज़ाद' ये झूठ न बोलो
अब 'शहज़ाद' ये झूठ न बोलो वो इतना बेदर्द नहीं
अब 'शहज़ाद' ये झूठ न बोलो वो इतना बेदर्द नहीं
अपनी चाहत को भी परखो
अपनी चाहत को भी परखो गर इल्ज़ाम लगाया है
क्या टूटा है अन्दर अन्दर क्यूँ चेहरा कुम्हलाया है
तन्हा तन्हा रोने वालो
तन्हा तन्हा रोने वालो कौन तुम्हें याद आया है
क्या टूटा है अन्दर अन्दर क्यूँ चेहरा कुम्हलाया है

Wissenswertes über das Lied Kya Toota Hai Ander von मेहदी हस्सान

Wer hat das Lied “Kya Toota Hai Ander” von मेहदी हस्सान komponiert?
Das Lied “Kya Toota Hai Ander” von मेहदी हस्सान wurde von AHMED NIAZ, FARHAT SHEHZAD komponiert.

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