Nawazish Karam

A. HAMEED, HIMAYAT ALI SHAER

नवाज़िश करम शुक्रिया मेहरबानी
नवाज़िश करम शुक्रिया मेहरबानी
मुझे बख़्श दी आपने ज़िंदगानी
नवाज़िश करम शुक्रिया मेहरबानी

जवानी की जलती हुई दोपहर में
ये ज़ुल्फ़ों के साये घनेरे घनेरे
अजब धूप छाँव का आलम है तारी
महकता उजाला चमकते अंधेरे
ज़मीं की फ़ज़ा हो गई आसमानी
नवाज़िश करम शुक्रिया मेहरबानी

लबों की ये कलियाँ खिली अध-खिली सी
ये मख़नूर आँखें गुलाबी गुलाबी
बदन का ये कुन्दन सुनहरा सुनहरा
ये कद है कि छूटी हुई माहताबी
हमेशा सलामत रहे ये जवानी
नवाज़िश करम शुक्रिया मेहरबानी
मुझे बख़्श दी आपने ज़िंदगानी
नवाज़िश करम शुक्रिया मेहरबानी

Wissenswertes über das Lied Nawazish Karam von मेहदी हस्सान

Wer hat das Lied “Nawazish Karam” von मेहदी हस्सान komponiert?
Das Lied “Nawazish Karam” von मेहदी हस्सान wurde von A. HAMEED, HIMAYAT ALI SHAER komponiert.

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