Sahar Ho Rahi Hai

MEHDI HASSAN, NISAR BAZMI

सहर हो रही है सितारे गये
सहर हो रही है सितारे गये
शब ए ग़म के यह भी सहारे गये
शब ए ग़म के यह भी सहारे गये
सहर हो रही है सितारे गये
सहर हो रही है

मुरत्तब होवा कब निज़ाम ए जहाँ
मुरत्तब होवा कब निज़ाम ए जहाँ
कई बार गेसू संवारे गये
कई बार गेसू संवारे गये
सहर हो रही है सितारे गये
सहर हो रही है

बोहत चाँद तारों ने आवाज़ दी
बोहत चाँद तारों ने आवाज़ दी
मगर हम तुम्ही को पुकारे गये
मगर हम तुम्ही को पुकारे गये
सहर हो रही है सितारे गये
सहर हो रही है

वोही दिन थे *आरिफ़* माताए गुरुर
वोही दिन थे *आरिफ़* माताए गुरुर
ग़म ए हिजर में जो गुज़ारे गये
ग़म ए हिजर में जो गुज़ारे गये
सहर हो रही है सितारे गये
शब ए ग़म के यह भी सहारे गये
शब ए ग़म के यह भी सहारे गये
सहर हो रही है सितारे गये
सहर हो रही है

Wissenswertes über das Lied Sahar Ho Rahi Hai von मेहदी हस्सान

Wer hat das Lied “Sahar Ho Rahi Hai” von मेहदी हस्सान komponiert?
Das Lied “Sahar Ho Rahi Hai” von मेहदी हस्सान wurde von MEHDI HASSAN, NISAR BAZMI komponiert.

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