Din Dhala Raat Phir Aa Gayee

O. P. Nayyar

कभी कभी तो झस्बे इश्क
मात खाके रह गया
के तुझसे मिलाके भी तेरा
ख्याल आके रह गया
ये क्या मकामे शोक हैं
ये क्या मकामे शोक हैं
ना आस है ना यास हैं
ये क्या हुआ के लब पे
तेरा नाम आके रह गया
तेरे बिसाल की उम्मीद
अश्क़ बन कर बह गई
तेरे बिसाल की उम्मीद
अश्क़ बन कर बह गई
खुशी का चाँद शाम से
हाय झिलमिला के रह गया

दिन ढाला रात फिर आ गई
सो रहो सो रहो
दिन ढाला रात फिर आ गई
सो रहो सो रहो
मंजिलो छ गई खामोशी
मंजिलो छ गई खामोशी
सो रहो सो रहो
दिन ढाला रात फिर आ गई
सो रहो सो रहो

कितने सुन सान हैं आसमान
चुप खड़े हैं मकान
कितने सुन सान हैं आसमान
चुप खड़े हैं मकान
हैं फ़िज़ा अजनबी
हैं फ़िज़ा अजनबी
सो रहो सो रहो
दिन ढाला रात फिर आ गई
सो रहो सो रहो

चांदनी और धुएं के शिव
दूर तक कुछ नहीं
चांदनी और धुएं के शिव
दूर तक कुछ नहीं
सो गई शहर की हर गलियाँ
सो गई शहर की हर गलियाँ
सो रहो सो रहो
दिन ढाला रात फिर आ गई
सो रहो सो रहो

दूर शाखो के झुरमुट में
जुगनू भी घूम हो गए
दूर शाखो के झुरमुट में
जुगनू भी घूम हो गए
चांद में सो गई चांदनी
चांद में सो गई चांदनी
सो रहो सो रहो
दिन ढाला रात फिर आ गई
सो रहो सो रहो
दिन ढाला रात फिर आ गई
सो रहो सो रहो
मंजिलो छ गई खामोशी
मंजिलो छ गई खामोशी
सो रहो सो रहो
दिन ढाला रात फिर आ गई
सो रहो सो रहो

Wissenswertes über das Lied Din Dhala Raat Phir Aa Gayee von Ashok Khosla

Wann wurde das Lied “Din Dhala Raat Phir Aa Gayee” von Ashok Khosla veröffentlicht?
Das Lied Din Dhala Raat Phir Aa Gayee wurde im Jahr 2008, auf dem Album “Magic Of Ashok Khosla” veröffentlicht.
Wer hat das Lied “Din Dhala Raat Phir Aa Gayee” von Ashok Khosla komponiert?
Das Lied “Din Dhala Raat Phir Aa Gayee” von Ashok Khosla wurde von O. P. Nayyar komponiert.

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