Teri Sason Ki Mehek

O. P. Nayyar

नसीब जग है या सोया है खुदा जाने
खुदा ही जाने क्या होगा मोहब्बत में है
मिलेगी रहते मंजिल
मिलेगी रहते मंजिल या दरबदर की खाकी
बड़ी अज़ीब सी बेचीनी है तबियत में
कोई तो बात है ऐसी जो हम तड़पते हैं
वगर ना कोन यहां रखता है किसी को याद
घुड़ा जबा वो हार फिर गले में हो
हुज़ूर हुस्न में है इश्क की कहीं फ़रियाद
तेरी सासों की महक तेरे बदन की खुशबू
तेरी सासों की महक तेरे बदन की खुशबू
तेरी सासों की महक तेरे बदन की खुशबू
आज भी याद हैं हम आज भी नहीं भूले
तेरी सासों की महक तेरे बदन की खुशबू

रेशमी जुल्फ की आवरगी के क्या कहना
जब भी मचली हैं कालेजे पे कहीं तेरे चले
जब भी जोबन को हवा ने किया है परदा
वो मिलन फिर से निगाहो में ये तस्वीर ढाले
हाय वो तेरा सिमत जाना तेरा सरमन
हाय वो तेरा सिमत जाना तेरा सरमन
आज भी याद हैं हम आज भी नहीं भूले
तेरी सासों की महक तेरे बदन की खुशबू

वो तेरे लब जो गुलाबो से ज्यादा नाजुक
जीने चाहता हँ उन्हें चूमे और फिर चूमे
फेर पट जाए जिस्म से मलमल की तरह
फिर पिए कोई अनोखा सा जाम फिर पिए
उन दिनों तुम ने सुनाया था जो भी अफसाना
उन दिनों तुम ने सुनाया था जो भी अफसाना
आज भी याद हे या आज भी नहीं
तेरी सासों की महक तेरे बदन की खुशबू

कहता हे तुझे दे दे खुदा का दर्जा
भूल क्र सारे ज़माने को तेरे हो जाए
वो जवां खवाब के जिस खवाब ताबीर हे तू
हम उसी खवाब में इक बार खो जाए
तूने जो हमको दिया था हसीं नजराना
तूने जो हमको दिया था हसीं नजराना
आज भी याद हे हम आज भी भूले
तेरी सासों की महक तेरे बदन की खुशबू
आज भी याद हे हम आज भी भूले
तेरी सासों की महक तेरे बदन की खुशबू

Wissenswertes über das Lied Teri Sason Ki Mehek von Ashok Khosla

Wann wurde das Lied “Teri Sason Ki Mehek” von Ashok Khosla veröffentlicht?
Das Lied Teri Sason Ki Mehek wurde im Jahr 2008, auf dem Album “Magic Of Ashok Khosla” veröffentlicht.
Wer hat das Lied “Teri Sason Ki Mehek” von Ashok Khosla komponiert?
Das Lied “Teri Sason Ki Mehek” von Ashok Khosla wurde von O. P. Nayyar komponiert.

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