Ye Keh Rahi Hai
ये कह रही है तुझे छ्छू के आने वाली हवा
ये कह रही है तुझे छ्छू के आने वाली हवा
उदास मैं ही नही बेक़रार तू भी है
उदास मैं ही नही बेक़रार तू भी है
ये कह रही है तुझे छ्छू के आने वाली हवा
उदासियों में कहीं तू ना ये समाज लेना
के तेरे प्यार को मायूस कर रहा हूँ मैं
वो आस जो तेरी आँखों में जगमगाई थी
अब उससे डोर से महसूस कर रहा हूँ मैं
बतौन कैसे मुझे तेरी आरज़ू भी है
बतौन कैसे मुझे तेरी आरज़ू भी है
ये कह रही है तुझे छ्छू के आने वाली हवा
सदा रहेंगे ना हम पर ये दूरियों के सितम
तराने प्यार के हम गाएँगे कभी ना कभी
सदाए देंगी हूमें जब वाफाओ की मंज़िल
ये फ़ासले भी सिमट जाएँगे कभी ना कभी
हूमें तो कोई बहारो की जूसताजू भी है
हूमें तो कोई बहारो की जूसताजू भी है
ये कह रही है तुझे छ्छू के आने वाली हवा
अभी तो हुंसे ये हालत का तक़ाज़ा हैं
के डोर रह केभी हम प्यार को निभाते रहे
सिकन्न ना आए कभी ज़िंदगी के माथे पर
जिगर पे चोट लगे और मुश्कूराते रहे
इसी में अपनी मोहब्बत की आबरू भी है
इसी में अपनी मोहब्बत की आबरू भी है
ये कह रही है तुझे छ्छू के आने वाली हवा
ये कह रही है तुझे छ्छू के आने वाली हवा
उदास मैं ही नही बेक़रार तू भी है
उदास मैं ही नही बेक़रार तू भी है
ये कह रही है तुझे छ्छू के आने वाली हवा