Kaisi Tanhai

बादल के सेहरे पे लहराती हैं
आँचल वो कभी
चंदा शर्माए छुप जाये
रुकजाये ऐसे वो कही
बनाके दीवाना, कुछ तुम कुछ वो
कुछ जमाना वो ओ
की तन्हाई हैं, कैसी रुत आई हैं
जुदा हो जाऊं मैं अभी, सनम हरजाई हैं
गुमगुम रहती हैं वे, तन्हा रहती हैं
सात रंग ढल के, अपना रंग बदलती हैं
धरती नादियाँ, खुला आसमान
अजब ये अफ़साना, किसे क्या बतलाना
समझ ना आवे तो भी यूँ
बस अपना कर जाना
हर एक दिल में रहती हैं
ऐसी अरमान कोई, ऐसे पल भी आये
कुछ देके लेके जाए, सोचे ना कभी
ज़रा ओ समझाना
दुनिया दुनिया चली हैं कहाँ
धीरे जा धीरे जा, चलता जा रुक नहीं
कौन हैं कहाँ हैं, भई ये किसको हैं पड़ी
ओ ऐ जमाना किसे आजमाना
कुछ भी बना के दास्तां
नज़र से पार हुआ है, दिल से वार हुआ
समझ के प्यार जिसे, ये दिल बेज़ार हुआ
एक पल खिलती है वे, फिर मुर्ज़ाती हैं
कौन जाने करके ऐसा, क्या दिखलाती हैं
धरती नदिया खुला आसमान वो ओ
बहलाके दिल बहलाए जा, हँसना तो है कभी
एक बहाने से बढके तो, ये दुनिया खुश नहीं
समझ के समझाना, कुछ तुम कुछ हम
कुछ जमाना

Wissenswertes über das Lied Kaisi Tanhai von Lucky Ali

Wann wurde das Lied “Kaisi Tanhai” von Lucky Ali veröffentlicht?
Das Lied Kaisi Tanhai wurde im Jahr 2004, auf dem Album “Aks” veröffentlicht.

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