Tum Ho Wohi

ये है ख़यालों में, यादों में, बातों में
गुम है कहीं, तुम हो वही
प्यार से जिसके ये नाम है आया
तुम हो वही, गुम हो कहीं
हर ज़माने में आते रहेंगे, ये क्यूँ इनकार करें?
प्यार के साहिल राह बताते हैं क्या?
जैसे गुज़रते हैं, वैसे बदलते हैं, दिन हो या रात मिलें
ऐसे बहाने से सारा जहाँ बदला था
नीले गगन के तले हमने भी तारे गिने
अच्छा जो समझा किए हर एक चाहत को
रस्तों में चल के, कहीं से गुज़र के
कहीं पे सँभल के, ऐसे कहीं, वैसे कहीं
नेक इरादों में, सच्चे ये वादों में
तुम हो कहीं, गुम हो कहीं
बाँहों में भरना, ये सारे इशारे हैं
चलते कहीं, चलते यहीं
आज का आलम है
माँगें तो हम को ये सारा संसार मिले
जाने क्या चाहे वो, हमने तो चाहा यही
साथ गुज़र जाए हर एक लमहा भी
ऐसा दिलदार मिले
प्यार की बस्ती में ऐसे भी रस्ते यहाँ
नीले गगन के तले हमको सहारे मिले
कहीं नज़ारे खिले, कई ठिकाने हैं
एक हो ज़माने में, क्या बुरा है पाने में?
ये समझ के जाएँ तो देर ना हो जाने में
चाँदनी रातों में, शबनमी राहों में
गुम हो कहीं, तुम हो वही

Wissenswertes über das Lied Tum Ho Wohi von Lucky Ali

Wann wurde das Lied “Tum Ho Wohi” von Lucky Ali veröffentlicht?
Das Lied Tum Ho Wohi wurde im Jahr 2002, auf dem Album “Sifar” veröffentlicht.

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